-ग़ज़ल-
सस्ता सा व्यापार करो!
आओ हमसे प्यार करो!
दिल तो सबके मुर्दा हैं,
जाओ जेहन पे वार करो!
क्या सिर्फ़ बचोगे आग से 'तुम'
सबको तो हुशियार करो!
उसको भेजा सरहद पर,
ख़ुद को भी तैयार करो!
वो भाग रहा है, जाने दो,
बुजदिल पे मत वार करो!
हिन्दुस्तानी शेर हैं हम,
ये सब पे इज़हार करो!
'दिल' तो बांटे प्यार मुहब्बत,
उससे मत तकरार करो!
-दिलशेर 'दिल', दतिया
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