=ग़ज़ल=
मेरे दिल की दुनिया लुटाने से पहले!
चला आए कोई, बुलाने से पहले!
ज़मीं ओढ़ लूँगा, अगर वो न आया,
वो आजाये हस्ती, मिटाने से पहले!
न देखा, न जाना, न उससे मिला हूँ,
वो मिल जाए ख़ुद को, भुलाने से पहले!
जो हो सामने तो, ग़ज़ल मैं कहूँगा,
न जाए ग़ज़ल वो सुनाने से पहले!
कई ख़त लिखे हैं, तसव्वुर में 'दिल' के,
वो आ जाए हर ख़त, जलाने से पहले!
=दिलशेर 'दिल' दतिया
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